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UPDESH CHAUHAN RAJPUTANA

UPDESH RAJPUT: PRATHVIRAJ CHAUHAN

Monday, 15 April 2019

PRATHVIRAJ CHAUHAN




UPDESH CHAUHAN RAJPUTANA

रखते हैं मूछों को ताव देकर ,यारी निभाते हैं जान देकर ,
ख़ौफ़ खाती है दुनिया हमसे , क्योंकि हम जीते हैं शेरों की दहाड़ लेकर !! #जय राजपूताना  
रहे हाथ ढाल तलवार और मज़बूती
तू धर दे माँ चामुंडा राजपूतों में मज़बूती
क्षत्रियो एक बनो नेक बनो !!#जय राजपूताना 
शेर का मुखौटा लगाकर कोई शेर यहीं बनता ,
भाला उठाकर कोई राणा प्रताप नहीं बनता ,
रणभूमि में पता चलता है योद्धाओं का ,
मूछों की मरोड़ी लगाने से कोई #राजपूत नहीं बनता !! 
जब हम सिंहासन पर बैठते हैं तो,राजा कहलाते है ,
जब हम घोङे पर सवार होते तो,योध्दा कहलाते है,
जब हम किसी की जान बचाते है तो,श्रत्रिय कहलाते है,
जब हम किसी को वचन देते है तो “राजपुत” कहलाते है !! 
जो तुम कहते हो वो नादानी है
हमसे नज़रें मिलाने की कोशिश न कर
हमारी अकड़ खानदानी है ! #राजपूत  
कोशिश तो सब करते है ,लेकिन सबको हासिल ताज़ नहीं होता ,
शोहरत तो कोई भी कमा  ले  लेकिन राजपूतों वाला अंदाज़ नहीं होता ! 
ना दौलत पे नाज़ करते है ,
ना शोहरत पे नाज़ करते है ,
किया है भगवान  ने  राजपूतों के घर पैदा,
 इसलिए अपनी किस्मत पे नाज़ करते है  !!
शीश कटे पर झुके नहीं
आगे बढ़े पर रुके नहीं
लड़े आंधी और तूफानों में
आत्म गौरव है राजपूतानो में !! 
JAY UPDESH RAJPUTANA 
रहे हाथ ढाल तलवार और मज़बूती
तू धर दे माँ चामुंडा राजपूतों में मज़बूती
क्षत्रियो एक बनो नेक बनो !!#जय राजपूताना 
शेर का मुखौटा लगाकर कोई शेर यहीं बनता ,
भाला उठाकर कोई राणा प्रताप नहीं बनता ,
रणभूमि में पता चलता है योद्धाओं का ,
मूछों की मरोड़ी लगाने से कोई #राजपूत नहीं बनता !! 
जब हम सिंहासन पर बैठते हैं तो,राजा कहलाते है ,
जब हम घोङे पर सवार होते तो,योध्दा कहलाते है,
जब हम किसी की जान बचाते है तो,श्रत्रिय कहलाते है,
जब हम किसी को वचन देते है तो “राजपुत” कहलाते है !! 
जो तुम कहते हो वो नादानी है
हमसे नज़रें मिलाने की कोशिश न कर
हमारी अकड़ खानदानी है ! #राजपूत  
कोशिश तो सब करते है ,लेकिन सबको हासिल ताज़ नहीं होता ,
शोहरत तो कोई भी कमा  ले  लेकिन राजपूतों वाला अंदाज़ नहीं होता ! 
ना दौलत पे नाज़ करते है ,
ना शोहरत पे नाज़ करते है ,
किया है भगवान  ने  राजपूतों के घर पैदा,
 इसलिए अपनी किस्मत पे नाज़ करते है  !!
शीश कटे पर झुके नहीं
आगे बढ़े पर रुके नहीं
लड़े आंधी और तूफानों में
आत्म गौरव है राजपूतानो में !! 
रखते हैं मूछों को ताव देकर ,यारी निभाते हैं जान देकर ,
ख़ौफ़ खाती है दुनिया हमसे , क्योंकि हम जीते हैं शेरों की दहाड़ लेकर !! #जय राजपूताना  
रहे हाथ ढाल तलवार और मज़बूती
तू धर दे माँ चामुंडा राजपूतों में मज़बूती
क्षत्रियो एक बनो नेक बनो !!#जय राजपूताना 
शेर का मुखौटा लगाकर कोई शेर यहीं बनता ,
भाला उठाकर कोई राणा प्रताप नहीं बनता ,
रणभूमि में पता चलता है योद्धाओं का ,
मूछों की मरोड़ी लगाने से कोई #राजपूत नहीं बनता !! 
जब हम सिंहासन पर बैठते हैं तो,राजा कहलाते है ,
जब हम घोङे पर सवार होते तो,योध्दा कहलाते है,
जब हम किसी की जान बचाते है तो,श्रत्रिय कहलाते है,
जब हम किसी को वचन देते है तो “राजपुत” कहलाते है !! 
जो तुम कहते हो वो नादानी है
हमसे नज़रें मिलाने की कोशिश न कर
हमारी अकड़ खानदानी है ! #राजपूत  
कोशिश तो सब करते है ,लेकिन सबको हासिल ताज़ नहीं होता ,
शोहरत तो कोई भी कमा  ले  लेकिन राजपूतों वाला अंदाज़ नहीं होता ! 
ना दौलत पे नाज़ करते है ,
ना शोहरत पे नाज़ करते है ,
किया है भगवान  ने  राजपूतों के घर पैदा,
 इसलिए अपनी किस्मत पे नाज़ करते है  !!
शीश कटे पर झुके नहीं
आगे बढ़े पर रुके नहीं
लड़े आंधी और तूफानों में
आत्म गौरव है राजपूतानो में !! 
बन के राजपूत लिया है जन्म,
बलिदान का सिलसिला रुकने ना दूंगा ,
माँ भवानी की कृपा है मुझ पर ,
अपने पुरखों का गर्वमस्तक झुकने ना दूंगा !! 
शेर कभी छुप कर वार नहीं करते,  बुज़दिल कभी खुल कर वार नहीं करते
अरे ! हम तो योद्धा है राजपूत कौम के हम मर कर भी हार स्वीकार नहीं करते !! 
झुक कर बात करने की आदत बना लो दुनिया वालों काफी फायदे में रहोगे
क्यूंकि आज भी #राजपूत से आँख मिला कर बात करने  में नहीं !! 


रोको चाहे हमको हम बाज़ आएंगे
राजपूत  है हम बस राज  करते जायेंगे
लिखेगी दुनिया सारी हमारा फ़साना
याद रखेगा जिसे पूरा जमाना  !!
शाम को शराब पीने  का क्या फ़ायदा है
शाम को पी सुबह उतर जायेगी
दो बूँद हमारे #राजपुताना की महफ़िल में पी लो यारों
सारी  जिंदगी नशे में गुज़र जायेगी  !!
हमने दुश्मनी भी उतनी शिदत से निभाई है
निभाया है दोस्ती का रिश्ता हमने जितने प्यार से
रिश्ते  दोनों ही खून है
एक में खून लिया जाता है और एक में खून दिया जाता है !! 
अरे पगली इन आंखो मेँ
नशा राजपूताने का भरा है
प्यार का नहीँ,
इन हाथोँ मेँ तलवार उठेगी गुलाब के फूल नही,
और ये हमारा क्षत्रिय राजपूताना है कोई सिनेमा हॉल
नहीँ,
यहाँ युद्ध और विजय की ही बाते होती है प्यार की
नहीँ !!
#जय राजपूताना 
एक अलग सी पहचान बनाने की आदत है हमें ,
ज़ख्म हो जितना गहरा उतना मुस्कुराने की आदत है हमें ,
सब कुछ लूटा देते हैं दोस्ती मे
क्युंकि दोस्ती निभाने की आदत है हमें !!
बिना बात के तोह कोई भी हिथयार उठा सकता है
किसी की जान लेना तो कायरों का काम होता है
और किसी चीज़ के लिए जान देना राजपूत और राजाओं का काम होता है  !!


गिरते है शाह सवार ही मैदान-ए -जंग मैं ,
वो तिफ़्ल क्या गिरेंगे जो घुटनो के बल चलें  !!

जिंदगी की असली उड़ान  अभी बाकि है
अपने इरादों का इम्तिहान अभी बाकि है
नापी है मूठी भर जमीन अभी तो सारा आसमान बाकी है !!

 जंग खाई तलवार से युद्ध नहीं लड़े जाते
लंगड़े घोड़े पर दांव नहीं लगाये जाते
यूं तो लाखों वीर होते है पर सब महाराणा प्रताप नहीं होते
खूबसूरत हर लड़की होती है   पर सब  रानी पदमनी नहीं होती
धरती पर पूत तो  सभी  होते है पर सब राजपूत नहीं होते !!


दुनिया को राजपूतों से बहुत गिले है
क्यूंकि उन्हें राजपूतों से सिर्फ दर्द और जख्म ही मिले हैं
लेकिन राजपूत भी क्या करते उन्हें तो हथियार विरासत में मिले है !!


ज़िंदगी तो  राजपूत जिया करते है
दिगजो को पछाड़  दिया करते है
कौन रखता है किसी के सिर पर ताज
राजपूत तो अपना राजतिलक खुद किया करते हैं !!

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