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UPDESH CHAUHAN RAJPUTANA

UPDESH RAJPUT

Friday, 12 April 2019

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जुदाई शायरी कविता

Judai Shayari Kavita

  • न जाने क्यूँ कहते हैं लोग
    हमें जुदाई का गम मार गया
    हम तो हर वक्त 
    उनकी यादों में कैद हैं
    कौन कहता हैं वो हमसे जुदा हो गया
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  • सारे प्यार भरे नज़ारे याद बन गये
    उसके इन्तजार में हम तन्हा यहीं ठहर गये
    इस दुनियाँ ने दिया गम जुदाई का
    हमारी हँसी के तराने गम की शाम बन गये
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  • दिल की हर धड़कन में बस उसी का नाम हैं
    मेरे हर एक आंसू को उसका इंतजार हैं
    क्यूँ जुदा हो गये हम इस जहां मे
    हमें आज भी एक दूजे से प्यार बेशुमार हैं
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  • हर एक साँस बोझ सी लगती हैं
    धड़कन की आवाज शोर सी लगती हैं
    जब से तुम छोड़ गये हो हमें
    ये ज़िन्दगी बेरंग सी लगती हैं
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  • लबो पर मुस्कान लिये तेरे गम को छिपाते हैं
    भीड़ में भी अब हम तन्हा सा रह जाते हैं
    पर कहे भी तो क्या तुझसे
    हमें पता हैं तू भी गम में जी रहा हैं जबसे
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  • वो गुदगुदाती राते याद आती हैं
    वो शरमाती मुस्कुराहते याद आती हैं
    अब सिसकता हैं दिल मेरा हर रातों में
    जुदाई का गम मारता हैं पल पल हमें
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  • न जाने क्यूँ ये दिल
    खता करता हैं
    जब पता हैं अंत हैं जुदाई
    तो क्यूँ वो बेशुमार प्यार करता हैं
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  • ये चाँद ही हैं जो मेरी तन्हाई का गवाह हैं
    मेरी जुदाई के गम में वो हर पल मेरे साथ खड़ा हैं
    जानता हैं वो मेरा सनम बेवफा नहीं
    इसलिये ही वो हम दोनों के बीच एक कड़ी सा बना हैं
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  • जुदाई का वो आलम बहुत दुखदाई हैं
    जुदाई में भीड़ में भी तन्हाई हैं
    फिर भी दिल प्यार कर बैठता हैं
    क्यूंकि प्यार से ही तो असल जिन्दगी पाई हैं
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  • जुदाई में अँधेरा ही हमराज लगता हैं
    अकेलेपन का इकलौता साज लगता हैं
    चाँद सुनता हैं सभी अनकही बाते
    अँधेरा चुपके से सहलाता हैं
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  • तड़पते दिल को और मत तड़पाना
    सिसकती हिंचकियों को और मत बढ़ाना
    उसकी जुदाई में हम पहले ही टूट चुके हैं
    हमसे सवाल कर हमें और मत सताना
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  • नजरों से दूर तो हो गये हो
    पर यादों से दूर कहाँ जाओगे
    कितना भी सितम करलो सनम
    अपनेअहसास को कैसे मिटाओगे
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  • कैसे बताये कैसे बितता हैं तन्हाई का आलम
    कैसे सताता हैं सनम की यादो का सितम
    दुनियाँ ने मजबूर कर रखा हैं जीने को
    वरना तो हमने मुस्कुराहटों को खुद से बहुत दूर रखा हैं
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  • पतझड़ के पत्तो से पूछो क्या हैं जुदाई
    कैसी होती हैं फूलों के बिन तन्हाई
    न वो थे बेवफा ना हम हैं बेवफा
    कैसे कह दे की हमें प्यार की याद नहीं आई
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  • नीली स्याही से लिखने बैठे गम जुदाई का
    सफ़ेद कागज पर लिखा मर्म तन्हाई का
    इतना नमकीन था मेरे अक्षरों का मिजाज
    सह नहीं पाया वो काजग दर्द उसकी बेवफाई का
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  • मौत का खोफ भी कम था
    जुदाई का दिन कई ज्यादा गमगीन था
    क्यूंकि हर चलती सांस के साथ
    उसकी यादों का नजारा संग था
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  • इतनी कमज़ोर नहीं मेरे प्यार की लड़ी
    के कोई उसे चंद लम्हों में भुला दे
    ये दर्द तो अब हैं उसके जीवन का हिस्सा
    वो चाहे तो हँसकर या रोकर गुजार ले
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  • दूर तेरी यादों से जाये कैसे
    तुझसे प्यार हैं कितना ये बताये कैसे
    पता हैं हमें जिन्दगी हैं बस कुछ दिन की
    पर तेरे बिन एक पल भी बितायें कैसे
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  • उसे पाना अब एक ख्वाब बन गया
    शायद इसलिए ही हमें नींद से प्यार हो गया
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  • जब दर्द इतना हैं जुदाई का
    तो क्यूँ बनाया खुदा ने लब्ज प्यार का
    माना नहीं मरता कोई तन्हाई में
    पर जी भी तो नहीं पाता इस रुसवाई में
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  • तेरी नफ़रत मेरे बस की नहीं
    भले तू चाहे जुदा हो जाये
    कम से कम यह होगा
    तेरे दिल में मुझे एक पल की जगह मिल जाये
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  • किसी के जाने से जिन्दगी रूकती नहीं
    दिल के ठहर जाने से साँसों की डोर टूटती नहीं
    कितने ही सितारे क्यूँ न बिछ जाये राहों में
    लेकिन टूटे दिल में किसी की रोशनी चमकती नहीं
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  • यादें नींद चुरा जाती हैं
    रातों की तन्हाई में बिछ जाती हैं
    जब भी कहती हैं वो अपनी दास्ताँ
    सुनी आँखों को भीगा जाती हैं
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  • जुदाई रोज मारती हैं
    लेकिन साँसे चलती रहती हैं
    यही तो सजा हैं प्यार की
    मर मर कर भी जीना सिखा जाती हैं
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  • जुदाई में यादे नहीं मरती 
    वो चोली दामन सा साथ निभाती हैं 
    वक्त कितना भी गुजर जाये 
    यादे हर गम को ताजा कर जाती हैं
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  • तेरी जुदाई को कैसे आँसू में बहा दे 
    तेरे साथ बितायें हर एक पल को कैसे भुला दे 
    गंवारा हैं ये अकेलापन हमें 
    तेरे हक़ को कैसे किसी और को सौंप दे
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  • आँखों में आँसू भले हैं मेरे 
    पर मुझे यकीन हैं अपने प्यार पे 
    जुदाई का ये गम केवल मुझे नहीं 
    आज भी कोई बैठा मेरी यादों के सहारे
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  • प्यार की राह में एक ठोकर हैं जुदाई
    प्यार का गहरा अहसास हैं तन्हाई
    जिसने चखा हैं गम जुदाई का
    उसी ने जिन्दगी शिद्दत से निभाई
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  • कहते हैं जिसे प्यार मिल जाता हैं
    वो खुश नसीब हैं लेकिन जो जुदाई हँसते हुये सह जाता हैं
    वो हैं ईश्वर की सच्ची परछाई
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  • ना गम कर उसके जाने का
    बस दुआ कर उसकी आँखे नम ना हो
    जुदाई का गम भले झेल लेना तू
    पर तेरे सनम की खुशियाँ कभी कम ना हो
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  • किसने कहा हम जुदा हो गये 
    किसने कहा हम तन्हाई में रो गये 
    कौन फैला रहा हैं यह झूठी खबरे 
    जन्मो जन्मों के लिये 
    हम एक दूजे के दिल में कैद हो गये
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