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UPDESH CHAUHAN RAJPUTANA

UPDESH RAJPUT: updesh rajput

Monday, 25 March 2019

updesh rajput

DESH BHAKTI POEM


जब सूरज जंग हो जाए अंधियार के तब दिये का टिमटिमाना जरुरी है 
जब प्यार की बोली लगने लगे बाजार में तब प्रेमी को प्रेम का बचाना जरुरी है 
जब गुमराह  हो रहा हो युवा देश का तो उसे सही रहा दिखाना जरुरी है 
जब हर और फैल गई हो निराशा देश में तो क्रांति का बिगुल बजाना जरुरी है 
जब नारी खुद को असाहे पाए तो उसे लक्ष्मी बाई बनाना जरुरी है 
जब नेताओ के हाथ में सुरक्षित न रहे देश तो फिर सुभाष का आना जरुरी है 
जब सीधे तरीके से देश न बदले तब विद्रोह जरुरी है 



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